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असली और शुद्ध रुद्राक्ष मालाएं। विभिन्न मुखी रुद्राक्षों के लाभ और धारण विधि की पूरी जानकारी।
रुद्राक्ष धारण करने के आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ।
रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
रुद्राक्ष धारण करने से ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है, आध्यात्मिक प्रगति में मदद मिलती है।
रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और अदृश्य शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
वैज्ञानिक शोधों के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
रुद्राक्ष के विद्युत चुम्बकीय गुण तंत्रिका तंत्र को शांत करते हैं, तनाव और चिंता को कम करते हैं।
रुद्राक्ष शरीर के ऊर्जा चक्रों को संतुलित करके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है।
रुद्राक्ष में डायलेक्ट्रिक गुण होते हैं जो शरीर के विद्युत प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। यह एक प्राकृतिक कंडक्टर के रूप में काम करता है और शरीर की बायो-इलेक्ट्रिक एनर्जी को संतुलित करता है।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, रुद्राक्ष में दिव्य ऊर्जा समाहित होती है जो धारण करने वाले के आसपास एक सुरक्षात्मक आवरण बनाती है और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर रखती है।
जानिए रुद्राक्ष धारण करने के बाद हमारे ग्राहकों के जीवन में क्या बदलाव आए
दिल्ली
"पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद से मेरे जीवन में अद्भुत शांति आई है। पहले मैं हमेशा तनाव में रहता था, अब मेरा मन शांत रहता है और काम में एकाग्रता बढ़ी है।"
मुंबई
"दो मुखी रुद्राक्ष ने मेरे पारिवारिक संबंधों में चमत्कारिक सुधार लाया है। पति के साथ मतभेद कम हुए हैं और घर का माहौल पहले से कहीं बेहतर हुआ है।"
बेंगलुरु
"सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद मेरे व्यापार में तेजी से वृद्धि हुई है। कई सालों से चली आ रही आर्थिक समस्याएं अब दूर हो रही हैं।"
कोलकाता
"चार मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद मेरी पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ी है और याद करने की क्षमता में सुधार हुआ है। परीक्षा के परिणाम भी पहले से बेहतर आए हैं।"
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पूजित और अभिमंत्रित रुद्राक्ष
प्रत्येक रुद्राक्ष के साथ मिलेगा विशेष धागा और मंत्र जिससे आप इसे स्वयं ऊर्जावान बना सकते हैं।
विभिन्न मुखी रुद्राक्ष मालाएं - प्रत्येक के विशेष लाभ और महत्व।
अर्धनारीश्वर का प्रतीक, यह रुद्राक्ष पारिवारिक एकता और संबंधों में सुधार लाता है।
अग्नि देव का प्रतीक, यह रुद्राक्ष पापों से मुक्ति दिलाता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
ब्रह्मा का प्रतीक, यह रुद्राक्ष ज्ञान, स्मरण शक्ति और रचनात्मकता बढ़ाता है।
कालाग्नि रुद्र का प्रतीक, यह सबसे आम और सर्वश्रेष्ठ रुद्राक्ष है जो स्वास्थ्य, धन और समृद्धि प्रदान करता है।
कार्तिकेय का प्रतीक, यह रुद्राक्ष ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता बढ़ाता है।
सप्तमातृकाओं का प्रतीक, यह रुद्राक्ष धन और समृद्धि का प्रतीक है और वित्तीय समस्याओं को दूर करता है।
गणेश जी का प्रतीक, यह रुद्राक्ष सभी बाधाओं को दूर करता है और सफलता प्रदान करता है।
देवी दुर्गा का प्रतीक, यह रुद्राक्ष शक्ति, साहस और आत्मविश्वास प्रदान करता है। यह भय और शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
भगवान शिव और देवी पार्वती का संयुक्त रूप, यह रुद्राक्ष पारिवारिक सुख और एकता प्रदान करता है।
रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण करने की पूरी प्रक्रिया और सावधानियां।
क्या आपको रुद्राक्ष धारण करने की सही विधि जाननी है?
विशेषज्ञ से सलाह लेंरुद्राक्ष के बारे में सामान्य प्रश्न और उनके उत्तर।
A: असली रुद्राक्ष की पहचान के लिए उसे पानी में डालें - असली रुद्राक्ष डूब जाता है, नकली तैरता रहता है। इसके अलावा, असली रुद्राक्ष पर प्राकृतिक रेखाएं होती हैं और वह चिकना नहीं होता।
A: रुद्राक्ष सोमवार या गुरुवार के दिन सुबह के समय धारण करना सबसे शुभ माना जाता है। इसके लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना भी अच्छा रहता है।
A: आप एक साथ कई रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं, लेकिन उनकी संख्या विषम (1, 3, 5, 7, आदि) होनी चाहिए। सबसे अच्छा है कि आप अपनी आवश्यकता के अनुसार रुद्राक्ष चुनें।
A: रुद्राक्ष सदैव प्रभावी रहता है, लेकिन समय-समय पर इसकी शुद्धि करते रहना चाहिए। यदि रुद्राक्ष टूट जाए या क्षतिग्रस्त हो जाए, तो उसे बदल देना चाहिए।
प्रामाणिक और शुद्ध रुद्राक्ष मालाएं, जो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाएंगी।